‘अà¤à¥€ à¤à¥€, मैं आà¤à¤–ें बंद करता हूठतो मà¥à¤à¥‡ लगता है कि मैं जà¥à¤µà¤¾à¤° की आतà¥à¤®à¤¾ को देख रहा हूà¤à¥¤â€™

किसान और फ़िलà¥à¤® निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ देवड़ा मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¾ पाटील से बातचीत करते हà¥à¤ बताते है कि उनकी दादी जà¥à¤µà¤¾à¤° कैसे बनाती थी, अचà¥à¤›à¥€ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ का बोली और बेà¤à¤¿à¤à¤• होने से कà¥à¤¯à¤¾ रिशà¥à¤¤à¤¾ हैं, और जà¥à¤µà¤¾à¤° का पॉपकॉरà¥à¤¨ लोगों को कैसे à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ करता है।